True Fact Shayari about Sita & Ravan

आदमी ही आदमी को छल रहा है,

ये क्रम आज से नही,

बरसों से चल रहा है रोज चौराहे पर होता है ” सीताहरण ”

जबकि मुद्दतों से ‘रावण’ जल रहा है…!!

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