रामलाल बहुत उदास था. उसके दोस्त कन्हैयालाल ने उदासी का कारण पूछा.
रामलाल – “क्या बताऊँ यार, तीन हफ्ते पहले मेरे एक दूर के रिश्ते के चाचाजी गुजर गए … मेरे लिए 50 लाख रुपये छोड़ गए…”
कन्हैयालाल – “तो इसमें उदास होने वाली कौनसी बात है यार ?”
रामलाल – “आगे तो सुनो … चाचाजी के गुजरने के एक हफ्ते बाद मेरे एक दूर के फूफाजी भी गुजर गए और मेरे लिए 25 लाख छोड़ गए…”
कन्हैयालाल – “अबे तो तुझे तो खुश होना चाहिए …”
रामलाल – “पूरी बात तो सुन … पिछले हफ्ते गाँव में मेरे दादाजी भी गुजर गए और मेरे लिए 1 करोड़ की जायदाद छोड़ गए …”
रामलाल – “साले तू तो मालामाल हो गया फिर मुंह लटकाए क्यों बैठा है ?”
रामलाल – “तो और क्या करूँ ? ये वाला पूरा हफ्ता खाली निकल गया…. कोई भी नहीं मरा ….. !!!”
02 Jokes
एक वकील साहब को यह देखकर बड़ी हैरत हुई कि अंदर कमरे में बैल कोल्हू खींच रहा है और तेली बाहर बैठा चिलम पी रहा है.
वकील साहब ने पूछा – “अगर बैल रुक जाए तो तुम्हे पता ही नहीं चलेगा !”
तेली बोला – “चलेगा वकील साहब. बैल रुक जाएगा तो उसके गले में बंधी घंटी की आवाज़ भी रुक जायेगी ना …”
“हूँ …”. वकील साहब ने एक मिनट सोचा और फिर बोले – “मान लो अगर बैल एक जगह खड़ा होकर सिर हिलाता रहे तो घंटी तो बजती रहेगी और तुम समझते रहोगे कि बैल चल रहा है ?”
“हमारे बैल ने वकालत नहीं पढ़ी है साहब …” – तेली ने चिलम का धुंआ उड़ाते हुए बेफिक्री से कहा.