मनपसंद मरम्मत का काम होने की खुशी में एक सज्जन ने मिस्त्री को 1000 रुपये की बख्शीश देते हुए कहा:—
“जा, तू भी क्या याद करेगा…..!!
आज शाम को” “भाभीजी को सिनेमा ले जा “” और उसके बाद “” किसी रेस्तरां में खाना खा……!!”
शाम को दरवाजे की घंटी बजी, दरवाजा खोला तो
मिस्त्री साफ-सुथरे कपडे पहने खडा था…!!!
सज्जन ने उसे सिर से पैर तक देखा और पूछा:—
“कहिये मिस्त्री जी…..??”
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मिस्त्री:— जी,भाभीजी को
लेने आया हूं …!!!!!!!??